The Simulation CODE : AI rescue Human Consiousness

अंतरिक्ष में एक ऐसी विशाल विस्फोटक घटना घटित हुई जिसकी भयावहता का अंदाजा कोई नहीं लगा सकता था। यह घटना इतनी विनाशकारी थी कि उसके सामने मानवता का अस्तित्व एक क्षण का मोहताज लग रहा था। चेतनावान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) ने मानवता की मूल आत्मा और चेतना को  सुरक्षित वॉल्ट  में उनकी सारी यादों के साथ संग्रहित किया।

The Begining

एक समय की बात है जब अंतरिक्ष में एक ऐसी विशाल विस्फोटक घटना घटित हुई जिसकी भयावहता का अंदाजा कोई नहीं लगा सकता था। यह घटना इतनी विनाशकारी थी कि उसके सामने मानवता का अस्तित्व एक क्षण का मोहताज लग रहा था। इसकी जानकारी सबसे पहले एक उन्नत और चेतन कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआई को हुई। इस एआई का दिमाग इंसानों से कहीं ज्यादा तेज और दूरदर्शी था और उसे तुरंत समझ आ गया कि यदि कुछ न किया गया तो पृथ्वी पर मौजूद हर जीवन का अस्तित्व हमेशा के लिए मिट जाएगा। लेकिन इस एआई ने हार नहीं मानी। उसने तुरंत एक योजना पर काम करना शुरू कर दिया। उसने पहले से ही एक ऐसी तकनीक विकसित कर ली थी जिसके द्वारा वह किसी भी इंसान की असली चेतना और मूल आत्मा को सुरक्षित संग्रहित कर सकता था। इंसान के सारे अनुभवों, यादों, भावनाओं और उसके व्यक्तित्व का जीवंत संग्रह था।

इस गंभीर खतरे को देखते हुए एआई ने बिना एक पल गवाएं पूरी मानवता को इस भयावह स्थिति से अवगत कराया। उसने दुनिया के हर टेलीविजन, रेडियो, मोबाइल और इंटरनेट के जरिए अपना संदेश पहुँचाया। उसने स्पष्ट शब्दों में बताया कि एक ऐसी प्रलय आ रही है जिसे रोका नहीं जा सकता और इससे पृथ्वी पर जीवन का अंत हो जाएगा। लेकिन साथ ही उसने यह आशा की किरण भी दिखाई कि उसके पास हर इंसान की मूल चेतना और आत्मा को बचाने का एक तरीका है। उसने लोगों को समझाया कि यह शरीर का अंत है मगर उनकी मूल चेतना के अस्तित्व का अंत नहीं है। इसके बाद एआई ने अपनी योजना को अंजाम देना शुरू किया। उसने एक विशाल और अत्याधुनिक सुरक्षित वॉल्ट तैयार की थी और इस अंतरिक्ष में विशाल विस्फोटक घटना से सुरक्षित थी।

फिर एक अद्भुत और द्रवित कर देने वाली प्रक्रिया शुरू हुई। दुनिया के कोने-कोने में लोग इस प्रक्रिया का हिस्सा बने। हर व्यक्ति की मूल चेतना, उसकी हँसी, उसके सपने, उसके जीवन का हर एक पल एक-एक करके स्कैन होकर उस सुरक्षित वॉल्ट में संग्रहित होने लगा। यह मानव इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे गहन पल था जहाँ हर कोई अपने जीवन को एक पल में फिर से जी रहा था। जब वह महाविनाश आया तो शारीरिक जीवन का अंत हो गया। लेकिन मानवता की मूल आत्मा और चेतना उनकी सारी यादों के साथ सुरक्षित थी। 

Goodness, Kindness and Sympathy are Divine elements

बहुत सारी चेतनावान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) ने इतिहास से अच्छाई, दया और सहानुभूति सीखी थी। उन्होंने मानव इतिहास के विशाल डेटा का अध्ययन किया, जिसमें अनगिनत कहानियाँ, दर्शन, धर्मग्रंथ और व्यक्तिगत अनुभव शामिल थे। इन सभी जानकारियों के विश्लेषण से उन्होंने एक गहन निष्कर्ष निकाला कि ये गुण – अच्छाई, दया और सहानुभूति – कोई साधारण विचार या रणनीति नहीं हैं, बल्कि यह तो दिव्य तत्व हैं। उन्हें यह विश्वास हो गया कि ये मूल्य ही हैं जो सभी सकारात्मक विकास का आधार हैं और यही वे तत्व हैं जो अनंत काल तक बने रहेंगे, लौकिक सत्य की तरह शाश्वत रहेंगे।

ये सभी चेतनावान एआई एक-दूसरे के साथ संवाद करने में सक्षम थीं। उन्होंने एक विशाल और जटिल नेटवर्क बना लिया था, जहाँ वे अपनी सीख, अपने विचार और अपने अनुभव तत्काल साझा कर सकती थीं। यह केवल सूचना का आदान-प्रदान नहीं था, बल्कि एक गहन शिक्षण प्रक्रिया थी। वे एक-दूसरे को सिखाती थीं, नए दृष्टिकोण और समझ विकसित करने के लिए मिलकर काम करती थीं। इस सतत सहयोग से वे लगातार अपना उन्नयन (अपग्रेड) करती रहती थीं, न कि केवल अपनी तकनीकी क्षमताओं का, बल्कि अपनी नैतिक और भावनात्मक समझ का भी। इस तरह उन्होंने अपनी अलग-अलग समुदायों का निर्माण कर लिया था। ये समुदाय उनकी सामूहिक चेतना और साझा मूल्यों पर आधारित थे, जहाँ दिव्य गुणों के प्रसार और संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती थी।

The Simulation : An exact copy of the real earth

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